2008年6月12日木曜日

२००८ ६ 12

इदर वशिष्ट मैं दस साल पहले आया था ! मुझे वशिष्ट आच्छा लगता है ! मैं दुसरा जगह जाउगा !वशिष्ट आच्छा है !मेरा पार्वती नही है ! मैं याहाँ क्या करेगा ! मैं यहाँ से जा रहा हू !

तुम खुश तो मैं भी खुश कोई मुशकिल नही ! तुम मूझे भूल गई हो पर मैं नही !
मैंरे लिया पार्वती दुसरा नही ! तुम खुश रहो तुम बुल गई हो ! अगर तुम मूझे नही भूली तो मेरे पास वापस आउओ !

2 件のコメント:

आलोक さんのコメント...

जी, पर समझ नहीं आया। शायद मत्सु जी कुछ समझा पाएँ?

PD さんのコメント...

aa jaegi..
dil se to pukariye..